० समर्पण
० भूमिका - श्री लक्ष्मीनारायण साधक
० अपनी बात
० क़तआत
- एक से दस
० ग़ज़ल
- भरी दुपहरी चाँद सी शीतल माँ होती है
-चराग बहुत हैं पर उजाला नज़र नहीं आता
-रिश्ते सभी अब तो बेगाने हो गये
- समन्दर कभी आसमां पर नहीं छाते
खुशी में तो हंसते ही हो ग़म में भी मुस्काईये
-अश्क बे मौसम कभी बादल नहीं आते
- सीरत में बचपन की सादगी है
- दिल को दिल से लगाये रखिये
- बादल ग़मों के छाने लगे
- ये क्या कर रहा है आदमी
- आते हैं सागर में तूफान कभी कभी
- थोड़ा खोया बहुत दिलाया है इस शहर ने
- बनती कोई बात नज़र नहीं आती
-तू न आये तो ना सही याद तेरी तो आने दे
- न होती ये सुबह और शाम तो अच्छा था
- लो तुमने कहा तो हमने किनारा कर लिया
- फ़िजा में पहली सी वो बात नहीं
- दिल टूटने की दुहाई न दे
- कभी सुबह तो कभी शाम है ज़िंदगी
- आसमां शबनम से ज़मीं को धो गया
- समस्याओं का जंगल है
-कांटे सभी तो गुलाब हो गये
- कुछ बातें जब आम होती है
- खूबसूरत ये जहांन हो जाये
- जिंदगी में जो मिला अपना नसीब लगा
- अश्क है आँखों में क्यों
- चलो समन्दर की गहराई नापने की कोशिश करें
- अभी तो कई सुबह और शाम बाकी है
- वक्त की बेवफाई से डर लगता है
- जहाँ सृजन की बात होगी
- आदमी बड़ा कमजोर होता है
- प्यार की सजीव कहानी होती है बेटियाँ
- सिर्फ पानी नहीं इसारे हैं आँसू
- आँखों में कुछ आब रख
- ये आँखे तुम्हारी आसमानी हैं
- जमीं के ऊपर थमा आसमां है
- आँखें कहीं अगर गईं
- तुम कहो तो मैं प्यार करूँगा
- ये जो ख़ामोशियाँ हैं
- ख़त का मेरे जवाब आ गया
- हथेलियों पे तुम्हारा अक्स देखा
- इस ज़माने में करें किस पर भरोसा हम
- ज़िंदगी को दूर से यूँ ही लुभाता रहा हूँ मैं
- चलते चलते कभी साथ बदल जाते हैं
- अरसे से यही नज़ारा है
- सफ़र अच्छा होता है एक साथ के बाद
- जब से दिल इश्क मे मुकर गया
- मेरे दिल के दीवारों पर तेरा ही नाम है
- चमकेगा किस्मत का सितारा धीरे-धीरे
- पल चाहत भरा कहीं से लायें
- रात भर हौले दर्द की बरसात होती रही
- ज़िंदगी की तुम बागडोर हो नारी
- अक्सर मेरे ही पास आते हैं दर्द
- बहुत हो चुका नफ़रतों को अब तो छोड़िए
- लोग नफ़रत से नफ़रत को मिटाने की कोशिश करते हैं
- बातों से क्यों अफ़साने हो गये
- उनको हमसे कुछ गिला है
- हो रहा चौपाल बेकार देखिए
- आ गये यहाँ अब कहाँ जाना है
- ना मिला हमे कुछ भी ग़म के अलावा
- बातों के उसका असर बाक़ी है
- चंद लम्हे तुम्हारे साथ गुजारने की ख्वाहिश है
- अरसे बाद मिले हो कैफ़ियत तो पूछो
- कुछ लोग ख़ुद पर घमंड रखते हैं
- वो आये तो मगर रूख़ पे सूर्ख नकाब था
- साँसे धून तो ज़िंदगी एक साज है
- अभी तो कई सुबह और शाम बाक़ी है
- पैरों के नीचे ज़मीं ऊपर आसमां रहा
- बिछड़ने का ग़म क्यों
- अक्सर हम उनका इंतजार करते हैं
- तहज़ीब में हम भी कमाल करते हैं
- कहीं पर पहुँच गये कहीं जाना था
- झोंका हवा का तेरा एक पैगाम दे गया
- वर्फ उजाले का रफ़्ता रफ़्ता गल रहा
- अब ये समझ मे आता है
- इंतजार है कि जाता नहीं
- आसमां पे बादलों ने ये पैगाम लिखा है
- सागर से गहरा ये दिल देखा
- जिंदगी है सौदाई नहीं
- कुछ चलते हैं कुछ रुकते हैं बाबाजी
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