समर्पण

भूमिका - श्री लक्ष्मीनारायण साधक

अपनी बात


क़तआत

- एक से दस

- ग्यारह से बीस

- इक्कीस से तीस

- इकतीस से चालीस

- इकतालीस से पचास

- इन्क्यावन से साठ

ग़ज़ल

- भरी दुपहरी चाँद सी शीतल माँ होती है

-पांव में चुभन का एहसास

-चराग बहुत हैं पर उजाला नज़र नहीं आता

-रिश्ते सभी अब तो बेगाने हो गये

- समन्दर कभी आसमां पर नहीं छाते

खुशी में तो हंसते ही हो ग़म में भी मुस्काईये

-अश्क बे मौसम कभी बादल नहीं आते

- सीरत में बचपन की सादगी है

- दिल को दिल से लगाये रखिये

- बादल ग़मों के छाने लगे

- ये क्या कर रहा है आदमी

- आते हैं सागर में तूफान कभी कभी

- थोड़ा खोया बहुत दिलाया है इस शहर ने

- बनती कोई बात नज़र नहीं आती

-तू न आये तो ना सही याद तेरी तो आने दे

- न होती ये सुबह और शाम तो अच्छा था

- लो तुमने कहा तो हमने किनारा कर लिया

- फ़िजा में पहली सी वो बात नहीं

- दिल टूटने की दुहाई न दे

- कभी सुबह तो कभी शाम है ज़िंदगी

- आसमां शबनम से ज़मीं को धो गया

- समस्याओं का जंगल है

-कांटे सभी तो गुलाब हो गये

- कुछ बातें जब आम होती है

- खूबसूरत ये जहांन हो जाये

- जिंदगी में जो मिला अपना नसीब लगा

- अश्क है आँखों में क्यों

- चलो समन्दर की गहराई नापने की कोशिश करें

- अभी तो कई सुबह और शाम बाकी है

- वक्त की बेवफाई से डर लगता है

- जहाँ सृजन की बात होगी

- आदमी बड़ा कमजोर होता है

- प्यार की सजीव कहानी होती है बेटियाँ

- सिर्फ पानी नहीं इसारे हैं आँसू

- आँखों में कुछ आब रख

- ये आँखे तुम्हारी आसमानी हैं

- जमीं के ऊपर थमा आसमां है

- आँखें कहीं अगर गईं

- तुम कहो तो मैं प्यार करूँगा

- ये जो ख़ामोशियाँ हैं

- ख़त का मेरे जवाब आ गया

- हथेलियों पे तुम्हारा अक्स देखा

- इस ज़माने में करें किस पर भरोसा हम

- ज़िंदगी को दूर से यूँ ही लुभाता रहा हूँ मैं

- चलते चलते कभी साथ बदल जाते हैं

- अरसे से यही नज़ारा है

- सफ़र अच्छा होता है एक साथ के बाद

- जब से दिल इश्क मे मुकर गया

- मेरे दिल के दीवारों पर तेरा ही नाम है

- चमकेगा किस्मत का सितारा धीरे-धीरे

- पल चाहत भरा कहीं से लायें

- रात भर हौले दर्द की बरसात होती रही

- ज़िंदगी की तुम बागडोर हो नारी

- अक्सर मेरे ही पास आते हैं दर्द

- बहुत हो चुका नफ़रतों को अब तो छोड़िए

- लोग नफ़रत से नफ़रत को मिटाने की कोशिश करते हैं

- बातों से क्यों अफ़साने हो गये

- उनको हमसे कुछ गिला है

- हो रहा चौपाल बेकार देखिए

- आ गये यहाँ अब कहाँ जाना है

- ना मिला हमे कुछ भी ग़म के अलावा

- बातों के उसका असर बाक़ी है

- चंद लम्हे तुम्हारे साथ गुजारने की ख्वाहिश है

- अरसे बाद मिले हो कैफ़ियत तो पूछो

- कुछ लोग ख़ुद पर घमंड रखते हैं

- वो आये तो मगर रूख़ पे सूर्ख नकाब था

- साँसे धून तो ज़िंदगी एक साज है

- अभी तो कई सुबह और शाम बाक़ी है

- पैरों के नीचे ज़मीं ऊपर आसमां रहा

- बिछड़ने का ग़म क्यों

- अक्सर हम उनका इंतजार करते हैं

- तहज़ीब में हम भी कमाल करते हैं

- कहीं पर पहुँच गये कहीं जाना था

- झोंका हवा का तेरा एक पैगाम दे गया

- वर्फ उजाले का रफ़्ता रफ़्ता गल रहा

- अब ये समझ मे आता है

- इंतजार है कि जाता नहीं

- आसमां पे बादलों ने ये पैगाम लिखा है

- सागर से गहरा ये दिल देखा

- जिंदगी है सौदाई नहीं

- कुछ चलते हैं कुछ रुकते हैं बाबाजी

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